विकृत सामग्री के निर्माताओं के विरुद्ध लड़ाई को पूरा हुआ एक साल
भारत एक बहुत बड़ा देश है । यहां पर बहुत से लोगों ने अपना आधिपत्य जमाने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हुए, पहले मुगल आए, फिर अंग्रेज आए लेकिन इनमे से कोई भी लम्बे समय तक यहाँ पर टिक नहीं सका , जिसका मुख़्य कारण भारत की अपनी सभ्यता और भारतीय संस्कृति है । भारतीय संस्कृति ही एक ऐसी संस्कृति है जिसको हमेशा साथ रख रखते हुए भारत हमेशा ऐसी मुसीबतो से बाहर आ पाया , लेकिन वर्तमान समय और परिस्थियों को देखते हुए , भारत के प्रधानमंत्री ने जो 2047 में भारत के स्वरुप का जो सपना देखा है वो कही सपना ही न रह जाये इसका मुख्य कारण ये भी हो सकता है की यदि भारत हर छेत्र में अपनी महारत हासिल कर लेगा परन्तु भारत का युवा अपनी संस्कृति से दूर हो जायेगा जिसका सबसे बड़ा कारण, भारत में पिछले कुछ दिनों से OTT प्लेटफॉर्म्स के और फिल्मो के माधयम से परोसे जाने वाली पोर्नोग्राफी से बहुत कुछ यौन विकृत हमारे देश के युवा को दिखाए जा रहे है, जिसके कारण भारत के युवाओ की दिशा बदल रही है इसी के लिए उदय माहुरकर (फॉर्मर सेंट्रल RTI कमिश्नर) ने सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन का गठन किया और इसमें बहुत से काम करने के बाद 27/12/23 को ये फाउंडेशन अपना पहला साल पूरा कर रही है फाउंडेशन का मानना है कि यौन विकृत सामग्री के खिलाफ उसका आंदोलन प्रधानमंत्री का पूरक और प्रेरित है ।
यह कार्यक्रम 27 दिसंबर, बुधवार को दोपहर 2.30 बजे पीएम संग्रहालय, तीन मूर्ति, नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।