गुरुग्राम :- सनातन संस्कृति सहयोग फाउंडेशन का मानना है कि विश्व का इतिहास इस बात का साक्षी है कि निज भाषा, निज गौरव, निज संस्कृति से विमुख समाज, सभ्यता और राष्ट्र निश्चित ही पतन की ओर अग्रसर होते हैं । भारत अनेक प्रकार के सामरिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक आक्रमणों के बीच भी यदि एक सभ्यता के रूप में, एक राष्ट्र के रूप में अपनी अक्षुण्णता को बनाए रखने में समर्थ हुआ है तो उसका एकमात्र कारण है कि इसकी बुनियाद में सनातन संस्कृति का अमृत प्रवाहित होता है । भारत की सर्वसमावेशी सनातन संस्कृति ने तमाम प्रतिकूलताओं के बावजूद वसुधैव कुटुम्बम के सिद्धांत को व्यवहार रूप में प्रतिपादित किया और विश्व कल्याण की भावना को प्रसारित किया है । हर युग की, हर समय अपनी अलग चुनौतियां होती हैं और आज जब हम वैश्वीकरण के संचार-सूचना युग में जीते हुए कुछ अलग प्रकार के प्रश्नों के साथ खड़े हैं । यह समय हमारे सामने भौतिक प्रगति के नित नए प्रतिमानों के साथ अपनी संस्कृति-सभ्यता के साथ जुड़ाव का संकट खड़े कर रहा है । हम सब भौतिक आवश्यकताओं और प्रगति के अनंत पथ पर अपनी भूमिकाओं में अतिव्यस्त हैं । इस व्यस्तता और विस्तार के वातावरण में हमारे लिए अपनी संस्कृति के मूल से जुड़े रहना एक बड़ी चुनौती हो गई है । हम अपने पारंपरिक मूल्यों, साहित्य, संस्कार और प्रेरणा से अनचाहे ही विमुख हो रहे हैं । हमारा विचार समष्टि से व्यष्टि की विपरीत दिशा में जा रहा है इसलिए अपनी जड़ों की ओर लौटने के लिए हमें अपने सनातन सांस्कृतिक आख्यानों की ओर देखना आवश्यक हो गया है। इसी प्रश्न के समाधान की दिशा में पहल करते हुए सनातन संस्कृति की अभिव्यक्ति के माध्यम से सामाजिक चेतना के विस्तार तथा मानवीय मूल्यों की स्थापना के उद्देश्य को समक्ष रखकर सनातन संस्कृति सहयोग फाउंडेशन का गठन किया गया है ।
रविवार को क्लब फ्लोरेंस में आयोजित पत्रकार वार्ता में फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक मदन गोपाल अग्रवाल ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम का सम्पूर्ण जीवन हमारे मूल सांस्कृतिक मूल्यों का प्रकटीकरण है और उनके जीवन के आख्यान को वर्तमान पीढी के सामने प्रस्तुत करना निश्चित ही सामाजिक चेतना की दिशा में परिणामकारी है । इसीलिए इस महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए में फाउंडेशन द्वारा प्रथम कार्यक्रम के रूप में अभिनेता आशुतोष राणा अभिनीत मशहूर थिएटर प्रस्तुति “हमारे राम” का मंचन गुरुग्राम में किया जाना निश्चित किया गया है । संरक्षक प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि विजयादशमी पर्व की पूर्वसंध्या पर गुरुग्राम के ओराना कन्वेंशन में यह मंचन किया जाएगा । इस मंचन में एक सौ बीस कलाकार रामकथा का मंचन करेंगे ।
आयोजन समिति के महासचिव संजीव टेकरीवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम की तैयारी के लिए रविवार 25 अगस्त को को फाउंडेशन की एक बड़ा बैठक का आयोजन किया गया जिसमें सौ से अधिक कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम में विभिन्न दायित्वों के लिए आवश्यक जानकारियां दी गई हैं । इस कार्यक्रम की योजना में गुरुग्राम के प्रतिष्ठित व्यवसायिक संस्थानों के अनुभवी प्रोफेशनल्स समर्पण भाव से कार्य कर रहे हैं । संस्था के कोषाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि इस पहल के साथ जुड़े सभी कार्यकर्ताओं का विश्वास है कि इस मंचन के माध्यम से महानगर में रहने वाले नई पीढ़ी के नागरिकों को सनातन संस्कृति के विचार की महानता एवं भव्यता से नया परिचय प्राप्त होगा ।
संयोजक रत्नेश श्रीवास्तव के अनुसार इस कार्यक्रम के माध्यम से मिलेनियम सिटी गुरुग्राम के पांच सौ से अधिक परिवारों को आमंत्रित किया जाएगा । इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि समाज के सभी वर्गों से तथा शहर के सभी क्षेत्रों के लोग इसमें सम्मिलित हों ।
आयोजन समिति आईटी प्रमुख गगन अग्रवाल ने जानकारी दी कि कार्यक्रम में समयबद्धता, समन्वय तथा सुरक्षा आदि की सुचारु व्यवस्था की दृष्टि से डिजिटल रजिस्ट्रेशन किया जाएगा तथा आमंत्रण पत्र के द्वारा ही प्रवेश मान्य होगा । पत्रकार वार्ता की शुरुआत करते हुए प्रो राकेश योगी ने हमारे राम नाटक के मंचन की जानकारी दी और बताया कि यह कार्यक्रम फाउंडेशन के व्यापक उद्देश्य की दिशा में प्रथम कदम है इसके बाद अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से सनातन संस्कृति की अभिव्यक्ति का यह प्रवाह निरंतर रहेगा । इस अवसर पर वरिष्ठ व्यवसायी विनोद मित्तल, समाजसेवी अनिल कश्यप, आईटी स्टार्टअप के फाउंडर सुमित, व्यवसायी कमलेश, प्रदीप गुप्ता सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित रहे ।