
प्रमुख संस्थानों में 6500 से अधिक छात्रों को अध्ययन की सुविधा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज पांच नए आई.एल.टी. की शैक्षणिक और अवसंरचना क्षमता (चरण-‘बी’ निर्माण) के विस्तार को मंजूरी दे दी। ये पांच नए आई.एल.टी. आंध्र प्रदेश (आई.आई.टी. तिरुपति), केरल (आई.आई.टी. पलक्कड़), छत्तीसगढ़ (आई.आई.टी. भिलाई), जम्मू और कश्मीर (आई.आई.टी. जम्मू) और कर्नाटक (आई.आई.टी. धारवाड़) राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में स्थापित किए गए हैं।
2025-26 से 2028-29 तक चार वर्षों की अवधि में इसकी कुल लागत 11,828.79 करोड़ रुपये है।
मंत्रिमंडल ने इन आई.एल.टी. में 130 संकाय पदों (प्रोफेसर स्तर यानी लेवल 14 और उससे ऊपर) के सृजन को भी मंजूरी दी है।
उद्योग-अकादमिक संपर्क को मजबूत करने के लिए पांच नए अत्याधुनिक अनुसंधान पार्क भी बनाए जा रहे हैं।
कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य:
इन आईआईटी में अगले चार वर्षों में छात्र संख्या में 6500 से अधिक की वृद्धि की जाएगी, जिसमें स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी) और पीएचडी कार्यक्रम को मिलाकर प्रथम वर्ष में 1364 छात्र, द्वितीय वर्ष में 1738 छात्र, तृतीय वर्ष में 1767 छात्र और चतुर्थ वर्ष में 1707 छात्र शामिल होंगे।
लाभार्थी:
निर्माण पूरा होने पर, ये पाँच आईआईटी 13,687 छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे, जबकि वर्तमान में इनकी छात्र संख्या 7,111 है, यानी 6,576 छात्रों की वृद्धि। सीटों की कुल संख्या में इस वृद्धि के साथ, अब 6,500 से अधिक अतिरिक्त छात्र देश के सबसे प्रतिष्ठित और मांग वाले शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन करने की अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे। यह कुशल कार्यबल का निर्माण करके, नवाचार को बढ़ावा देकर और आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर राष्ट्र निर्माण को बढ़ावा देगा। यह सामाजिक गतिशीलता को बढ़ाता है, शैक्षिक असमानता को कम करता है और भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करता है।
रोज़गार सृजन:
छात्रों और सुविधाओं की बढ़ती संख्या का प्रबंधन करने के लिए संकाय, प्रशासनिक कर्मचारियों, शोधकर्ताओं और सहायक कर्मियों की भर्ती के माध्यम से प्रत्यक्ष रोज़गार उत्पन्न होगा। साथ ही, आईआईटी परिसरों का विस्तार आवास, परिवहन और सेवाओं की मांग पैदा करके स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहित करता है। आईआईटी से स्नातक और स्नातकोत्तर की बढ़ती संख्या नवाचार और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को और बढ़ावा देती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार सृजन में योगदान देती है।
राज्य और जिले:
ये पांच आईआईटी आंध्र प्रदेश (आईआईटी तिरुपति), केरल (आईआईटी पलक्कड़), छत्तीसगढ़ (आईआईटी भिलाई), जम्मू और कश्मीर (आईआईटी जम्मू) और कर्नाटक (आईआईटी धारवाड़) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित हैं। हालांकि, आईआईटी में प्रवेश अखिल भारतीय आधार पर होता है और इसलिए इस विस्तार से देश भर के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लाभ होगा।
2025-26 की बजट घोषणा में कहा गया है:
‘पिछले 10 वर्षों में 23 आईआईटी में छात्रों की कुल संख्या 65,000 से 1.35 लाख तक 100 प्रतिशत बढ़ गई है। 2014 के बाद शुरू किए गए पांच आईआईटी में 6,500 और छात्रों को शिक्षा की सुविधा देने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचा बनाया जाएगा।’
पृष्ठभूमि:
ये पांच नए आई.आई.टी. आंध्र प्रदेश (आई.आई.टी. तिरुपति), केरल (आई.आई.टी. पलक्कड़), छत्तीसगढ़ (आई.आई.टी. भिलाई), जम्मू और कश्मीर (आई.आई.टी. जम्मू) और कर्नाटक (आई.आई.टी. धारवाड़) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित किए गए थे। पलक्कड़ और तिरुपति में आई.आई.टी. का शैक्षणिक सत्र 2015-16 में और शेष तीन का 2016-17 में उनके अस्थायी परिसरों से शुरू हुआ था। ये आई.आई.टी. अब अपने स्थायी परिसरों से काम कर रहे हैं।