चंडीगढ़, 7 नवंबर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद और अलगाववाद का काला दौर लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जम्मू- कश्मीर विधानसभा में धारा 370 और 35ए को फिर से लाने के नेशनल कांफ्रेंस के प्रस्ताव का समर्थन कर कांग्रेस ने देश को तोड़ने का कुचक्र फिर से चला दिया है। हाल ही में जम्मू कश्मीर विधानसभा में धारा 370 का बैनर दिखाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्री बड़ौली ने कहा कि जम्मू कश्मीर विधानसभा में जो भी कुछ हुआ, वह पाकिस्तान और देश विरोधी लोगों को खुश करने और जम्मू-कश्मीर की जनता को गुमराह करने के लिए किया गया। श्री बड़ौली ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा देश की संसद और सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं है। कोई भी विधानसभा अनुच्छेद 370 और 35ए को वापस नहीं ला सकती। धारा 370 और 35ए इतिहास बन चुकी है, इस इतिहास को अब कोई बदल नहीं सकता। नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह कर रही है।
पंडित मोहन लाल बड़ौली ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस को देश से बताना चाहिए कि कांग्रेस कश्मीर के लिए कैसी संवैधानिक गारंटियां चाहती है। कांग्रेस बताये कि वह कैसे कश्मीर की अलग पहचान बनाना चाहती है और अलग अधिकार देना चाहती है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का राष्ट्रविरोधी एजेंडा है। शेख अब्दुल्ला से लेकर उमर अब्दुल्ला तक, भावनात्मक ब्लैकमेल करना नेशनल कॉन्फ्रेंस की दिनचर्या है।
श्री बड़ौली ने कहा कि आज जो लोग देश की एकता और जम्मू-कश्मीर के विकास व शांति के पक्ष में खड़े हैं, उन्हें मार्शल के जरिये बेरहमी से विधानसभा से बाहर निकाला जा रहा है। कांग्रेस-एनसी, पीडीपी जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद को लाना चाहते हैं। कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी ये सब कश्मीर घाटी में आई शांति से परेशान हैं। ये पार्टियां जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद व अलगाववाद के काले दौर को वापस लाना चाहती है।
पंडित मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि मोदी सरकार ने वादा किया था कि जम्मू-कश्मीर को विधानसभा देंगे, चुनाव करायेंगे। मोदी सरकार ने अपना वादा निभाया और 5 साल के अंदर चुनाव कराये और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए संकल्पित होकर काम कर रही है। कांग्रेस को घोर दलित और गरीब विरोधी बताते हुए श्री बड़ौली ने कहा कि कांग्रेस फिर से धारा 370 बहाल करके यह बताना चाहती है कि कांग्रेस वाल्मीकियों, गोरखा समाज, पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी, पहाड़ी और गुर्जर के खिलाफ हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि धारा 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। नागरिकों की मृत्यु में भी लगभग 80 प्रतिशत की कमी आई है। विदेशी नागरिकों के पर्यटन में 300 प्रतिशत का उछाल आया है। जम्मू-कश्मीर का बजट 17 प्रतिशत बढ़ा है। पत्थरबाजी की घटना बिलकुल बंद हो गई। आतंकवादी घटनाएं दो-तीन जिलों में ही सिमट कर रह गई। जहांँ पहले 5-7 प्रतिशत मतदान होता था, वहां भी 50 प्रतिशत मतदान होने लगा। जो पहले अलगाववाद और आतंकवाद की वकालत कर रहे थे, वे भी अब हिंदुस्तान के संविधान के आईने में लोकतंत्र को मजबूती देते हुए वोट मांगते दिखाई दिए।
श्री बड़ौली ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को अनुच्छेद 370 पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर विधानसभा में धारा 370 को लेकर प्रस्ताव पारित हो रहा था तब भाजपा के सदस्य विरोध कर रहे थे, जबकि कांग्रेस के सदस्य इसका मौन समर्थन कर रहे थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जम्मू कश्मीर विधानसभा के स्पीकर की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि स्पीकर को निष्पक्ष होना चाहिए था। मीडिया से आई जानकारी में पता चला है कि स्पीकर ने स्वयं ही मंगलवार (5 नवंबर) को मंत्रियों की बैठक बुलाई थी और खुद ही प्रस्ताव तैयार किया जोकि असंवैधानिक है।