केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक में “वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम” के क्रियान्वयन की समीक्षा की। बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार सीमावर्ती गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। श्री शाह ने इन सीमावर्ती गांवों से पलायन को रोकने के लिए स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और गांवों के साथ संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री अमित शाह ने कहा कि सीमावर्ती गांवों के आसपास तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और सेना को सहकारी समितियों के माध्यम से स्थानीय कृषि और हस्तशिल्प उत्पादों की खरीद को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना और सीएपीएफ की स्वास्थ्य सुविधाओं को नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि आसपास के गांवों के निवासियों को लाभ मिल सके। केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सौर ऊर्जा और पवन चक्कियों आदि जैसे ऊर्जा के अन्य नवीकरणीय स्रोतों के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों के मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को जारी रखने के निर्देश दिए। अब तक इन सीमावर्ती गांवों में 6000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें लगभग 4000 सेवा वितरण और जागरूकता शिविर शामिल हैं। इन गांवों में रोजगार सृजन के लिए भारत सरकार द्वारा 600 से अधिक परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। बैठक के दौरान गृह मंत्री ने लंबित मुद्दों के निपटान के लिए नियमित अंतराल पर उच्चतम स्तर पर समीक्षा करने पर विशेष जोर दिया।
‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ योजना के तहत 136 सीमावर्ती गांवों को 2,420 करोड़ रुपये की लागत से 113 बारहमासी सड़क परियोजनाओं के माध्यम से कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है। इन क्षेत्रों में 4जी कनेक्टिविटी पर तेजी से काम किया जा रहा है और दिसंबर 2024 तक वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सभी गांवों को 4जी नेटवर्क से कवर कर लिया जाएगा। इन सभी गांवों में वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं और वहां इंडिया पोस्ट-पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) की सुविधा भी दी जा रही है।
इन वाइब्रेंट विलेज में जीवंतता लाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटक सर्किट विकसित करने का काम किया जा रहा है। इस प्रयास में पर्यटन मंत्रालय के समन्वय से क्षमता निर्माण और पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ 14 फरवरी, 2023 को 4800 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ किया गया। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, सीमा प्रबंधन सचिव और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक सहित गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार देश के सीमावर्ती गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने तथा सीमावर्ती गांवों से पलायन को रोकने के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाने की आवश्यकता है।
सीमावर्ती गांवों के आसपास तैनात सीएपीएफ और सेना को सहकारी समितियों के माध्यम से स्थानीय कृषि और हस्तशिल्प उत्पादों की खरीद को प्रोत्साहित करना चाहिए।
आस-पास के गांवों के निवासियों को सेना और सीएपीएफ के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए।
जीवंत गांवों में सौर ऊर्जा और पवन चक्कियों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया जाना चाहिए।